| 1. | शुद्ध विवेक बुद्धि अवराधो॥156॥यात्रा करो शिरडी तीर्थ की।
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| 2. | तर्क-वितर्क विलग कर साधो, शुद्ध विवेक बुद्धि अवराधो.
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| 3. | मनुष्य के पास दिमाग है, विवेक बुद्धि है।
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| 4. | इन्हें मिटाने के लिए विवेक बुद्धि की आवश्यकता है।
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| 5. | मनुष्य के पास दिमाग है, विवेक बुद्धि है।
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| 6. | विवेक बुद्धि स्पष्टदर्शी है, मालिन्य रहित बुद्धि है।
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| 7. | शुद्ध विवेक बुद्धि अवराधो॥156॥ यात्रा करो शिरडी तीर्थ की।
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| 8. | पुण्य करने से आदमी की विवेक बुद्धि बढती है;
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| 9. | क्योंकि जो लोग उस विवेक बुद्धि से रहित होते
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| 10. | मानव में अहंकारजन्य बुद्धि व विवेक बुद्धि होते हैं।
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